गरीबी उन्मूलन हेतु चलायी गयी स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना का रीवा जिले की ग्रामीण महिलाओं पर प्रभाव
Keywords:
गतिविधियों, स्वसहायता, क्रियान्वयन, व्यवस्था, समूहAbstract
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना रीवा जिले में अप्रैल 1999 से लागू है। इसके अंतर्गत अब तक जिले में कुल 7789 स्वसहायता समूह गठित किए जा चुके हैं। जिनमें से 954 समूह मार्गदर्शन जागृति एवं व्यवस्था संबंधी अभावों के कारण असफल हो गए हैं। कुल गठित समूहों में से अब तक 2504 स्वसहायता समूह प्रथम ग्रेडिंग हेतु उत्तीर्ण पाए गए हैं। उत्तीर्ण स्वसहायता समूहों में से द्वितीय ग्रेडिंग हेतु 1497 समूह उत्तीर्ण हुए हैं। अप्रैल 1999 से अब तक 638 स्वसहायता समूहों को प्रथम ग्रेडिंग के पश्चात् आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा गया है। जबकि द्वितीय ग्रेडिंग के पश्चात् आर्थिक गतिविधि से जोड़े जाने वाले समूहों की संख्या 1497 है। जिले में गठित कुल 7789 स्वसहायता समूहों में से 4580 समूह महिलाओं के हैं। इन गतिविधियों के प्रभाव से जिले में अब तक 1987 परिवार गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं। उक्त योजना के सफल क्रियान्वयन से रीवा जिले की ग्रामीण महिलाओं में स्वरोजगार की भावना प्रबल हुयी है।





