गरीबी उन्मूलन हेतु चलायी गयी स्वरोजगार योजनाओं का रीवा जिले की ग्रामीण महिलाओं की पारिवारिक स्थिति पर प्रभाव
Keywords:
परिवार, व्यवहार, समाज, बन्धनों, सामाजिक, कार्योंAbstract
परिवार की परिभाषा करते हुए मैकआइवर और पेज लिखते हैं कि वह समूह जो लिंग सम्बन्धों पर आधारित है, परिवार कहलाता है। बरजेस एवं लाक ने परिवार की परिभाषा विस्तार से की है। उन्होंने परिवार के प्रमुख पक्षों पर प्रकाश डाला है। परिवार उन व्यक्तियों का समूह है जो विवाह, रक्त या गोद लेने के बन्धनों से जुड़े हुए हैं। एक गृहस्थी का निर्माण करते हैं। पति पत्नी, माता-पिता, पुत्र-पुत्री और भाई-बहन अपने-अपने क्रमशः सामाजिक कार्यों और पति पत्नी में एक दूसरे पर प्रभाव डालते हैं तथा व्यवहार और सम्बन्ध रखते हैं। एक सामान्य संस्कृति का निर्माण करते हैं और बनाये रखते हैं।' परिवार समाज की मूलभूत इकाई है एवं समाज का अंग है। रीवा जिले में गरीबी उन्मूलन हेतु संचालित स्वरोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्रामीण महिलाओं के परिवारों में भी परिवर्तन दृष्टिगोचर हो रहे हैं।





