गरीबी उन्मूलन हेतु चलायी गयी स्वरोजगार योजनाओं का रीवा जिले की ग्रामीण महिलाओं की पारिवारिक स्थिति पर प्रभाव

Authors

  • डॉ. सोमदत्त पाण्डेय Author
  • स्फूर्ति मिश्रा Author

Keywords:

परिवार, व्यवहार, समाज, बन्धनों, सामाजिक, कार्यों

Abstract

परिवार की परिभाषा करते हुए मैकआइवर और पेज लिखते हैं कि वह समूह जो लिंग सम्बन्धों पर आधारित है, परिवार कहलाता है। बरजेस एवं लाक ने परिवार की परिभाषा विस्तार से की है। उन्होंने परिवार के प्रमुख पक्षों पर प्रकाश डाला है। परिवार उन व्यक्तियों का समूह है जो विवाह, रक्त या गोद लेने के बन्धनों से जुड़े हुए हैं। एक गृहस्थी का निर्माण करते हैं। पति पत्नी, माता-पिता, पुत्र-पुत्री और भाई-बहन अपने-अपने क्रमशः सामाजिक कार्यों और पति पत्नी में एक दूसरे पर प्रभाव डालते हैं तथा व्यवहार और सम्बन्ध रखते हैं। एक सामान्य संस्कृति का निर्माण करते हैं और बनाये रखते हैं।' परिवार समाज की मूलभूत इकाई है एवं समाज का अंग है। रीवा जिले में गरीबी उन्मूलन हेतु संचालित स्वरोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्रामीण महिलाओं के परिवारों में भी परिवर्तन दृष्टिगोचर हो रहे हैं।

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Published

2025-05-22