कृषि नव-प्रवर्तन का सामाजिक आर्थिक स्तर पर प्रभाव (रीवा जिले के विशेष संदर्भ में)
Keywords:
कृषि, खाद्यान्नों, नवप्रवर्तन, उत्पादन, मजदूरोंAbstract
कृषि नवप्रवर्तन के द्वारा देश-प्रदेश एवं रीवा जिले के कृषि विकास को एक निश्चित दिशा प्रदान की है। इस प्रकार कृषि के क्षेत्र में नवप्रवर्तन को महत्वपूर्ण माना जा सकता है। जिसके कारण अध्ययन क्षेत्र की खाद्यान्नों के उत्पादन में एक निश्चित एवं संतोषपूर्ण स्थिति उभरकर सामने आयी है। जिले की इस स्थिति को बरकरार रखने के लिए ऐसा कृषि नवप्रवर्तन लाने की आवश्यकता है। जिससे सामाजिक न्याय में सुधार हो सके। इसका लाभ निम्नत्तम स्तर तक पहुँच सके। जिससे गरीब पिछड़े एवं शोषित कृषक एवं कृषि मजदूरों का जीवन स्तर सुधारा जा सके।