मन्नू भंडारीः जीवन, साहित्य और यथार्थवादी लेखन की परंपरा
Keywords:
पुरस्कारों, मारवाड़ी, जटिलताओं, आपातकालAbstract
मन्नू भंडारी भारतीय हिंदी साहित्य की एक प्रमुख लेखिका थीं, जिनका लेखन यथार्थवादी प्रवृत्तियों, सामाजिक चेतना, और स्त्री-विमर्श को नए आयाम देने के लिए जाना जाता है। उनका जन्म एक रूढ़िग्रस्त मारवाड़ी परिवार में हुआ, लेकिन उनके पिता के समाज सुधारवादी विचारों ने उन्हें शिक्षा और स्वतंत्र चिंतन की दिशा में प्रेरित किया। मन्नू जी का साहित्यिक जीवन उनके व्यक्तिगत अनुभवों, समाज में स्त्रियों की स्थिति, और पारिवारिक संबंधों की जटिलताओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करता है। उनके प्रमुख उपन्यास आपका बंटी और महाभोज हिंदी साहित्य में मील का पत्थर माने जाते हैं। उनका लेखन सरल, सजीव और यथार्थपरक था, जो पाठकों को सहजता से जोड़ता है। उनकी कहानियाँ सामाजिक विषमताओं, नारी की आत्मनिर्भरता, और बदलते मूल्यों को प्रतिबिंबित करती हैं। साहित्य में उनके योगदान को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, लेकिन उन्होंने आपातकाल के दौरान पद्मश्री जैसे सम्मान को अस्वीकार कर अपनी दृढ़ता और ईमानदारी का परिचय दिया। उनके लेखन में सामाजिक प्रतिबद्धता, भावनात्मक गहराई, और स्त्री-पुरुष संबंधों की सूक्ष्म समझ देखने को मिलती है।





