सीधी-सिंगरौली जिले में पारिस्थितिकी पर्यटन की समस्याएँ और संभावनाएँ-एक भौगोलिक अध्ययन
Keywords:
पारिस्थितिकी, पर्यटन प्रबन्ध, अलौकिक क्षमता, शैल चित्रAbstract
पारिस्थितिकी पर्यटन के माध्यम से राष्ट्रीय कोष में दुर्लभ विदेशी मुद्रा की प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही रोजगार के नये-नये अवसर भी सृजित होते है। पर्यटन एक ऐसा उद्योग है जिसमें किसी भी क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय विकास की क्रियाएँ आबद्ध है। अतएव पर्यटन का निरंतर विकास करके आधारभूत संरचना का विकास संभव हो सकता है। हमारे देश में पर्यटन की अथाह अलौकिक क्षमता का एहसास अब भारत सरकार को हो गया है। यही कारण है कि अब सरकार भी पर्यटन उद्योग की विकास की राह में मील का पत्थर मानने लगी है।