उषा यादव रचित उपन्यासों में बाल पात्रों का चरित्र-चित्रण

Authors

  • डॉ. सुशील कुमार, Author

Keywords:

बाल उपन्यास, पात्र, चरित्र चित्रण।

Abstract

मनुष्य जन्म काल से प्रायः सोलह वर्ष की अवस्था तक बाल या बालक कहा जाता है अर्थात् वह जो जवान न हुआ हो। बाल्यावस्था को छः से 12 वर्ष तक भी माना जाता है जिसमें बालक अपने व्यक्तित्व एवं चरित्र को धारण करता है।

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Published

2025-03-18