उषा यादव रचित उपन्यासों में बाल पात्रों का चरित्र-चित्रण
Keywords:
बाल उपन्यास, पात्र, चरित्र चित्रण।Abstract
मनुष्य जन्म काल से प्रायः सोलह वर्ष की अवस्था तक बाल या बालक कहा जाता है अर्थात् वह जो जवान न हुआ हो। बाल्यावस्था को छः से 12 वर्ष तक भी माना जाता है जिसमें बालक अपने व्यक्तित्व एवं चरित्र को धारण करता है।