रामदरश मिश्र की कविताओं में सामाजिक, प्राकृतिक और व्यक्तिगत संवेदनाओं का चित्रण
DOI:
https://doi.org/10.64675/Keywords:
रामदरश मिश्र, कविता, छायावादी, प्रकृति, सामाजिक जागरूकता, संवेदनशीलता, लोक संस्कृति, बिम्बात्मकता, अस्तित्व ।Abstract
रामदरश मिश्र की कविताएँ जीवन, प्रकृति, और सामाजिक मुद्दो के सूक्ष्म चित्रण से भरपूर हैं। उनके पहले काव्य संग्रह "पथ के गीत" में छायावादी युग की रोमांटिकता के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता भी स्पष्ट होती है। इन कविताओं में प्रकृति के विभिन्न रूपों, स्नेह, मानवता और नारी गरिमा को दर्शाया गया है। मिश्र जी की कविताएँ व्यक्तिगत अनुभवों और सामाजिक घटनाओं का गहन विश्लेषण करती हैं। उनके दूसरे संग्रह "बैरंग-बेनाम चिट्ठियाँ" में संवेदनशीलता, लोक संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का चित्रण है। मिश्र जी की कविताएँ समाज और व्यक्ति दोनों के अस्तित्व की कठिनाइयों को व्यक्त करती हैं, साथ ही यह संघर्ष और परिवर्तन की ओर प्रेरित करती हैं। इन कविताओं में बिम्बात्मकता और सरलता से मानवता के सवालों और अनुभवों को व्यक्त किया गया है।





