समाज में कामकाजी महिलाओं की भूमिका और उनके प्रति दृष्टिकोण

Authors

  • रीना Author
  • डा. महेन्द्र कुमार चौरसिया Author

DOI:

https://doi.org/10.64675/

Keywords:

कामकाजी महिलाएँ, सामाजिक स्थिति, लिंग समानता, समाज का दृष्टिकोण, शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, चुनौतियाँ, सशक्तिकरण, घरेलू दायित्व, लिंग भेदभाव ।

Abstract

यह पत्र भारत में कामकाजी महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करता है, जिसमें वे जो चुनौतियाँ और अवसरों का सामना करती हैं, उनके पेशेवर और घरेलू दायित्वों को संतुलित करने की प्रक्रिया को उजागर किया गया है। संविधान द्वारा समानता की गारंटी मिलने के बावजूद, महिलाएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे शिक्षा, रोजगार और सामाजिक भागीदारी में महत्वपूर्ण भेदभाव और बाधाओं का सामना करती हैं। यह पत्र महिलाओं की पारंपरिक घरेलू कर्तव्यों से लेकर कार्यबल में सक्रिय भागीदारी तक के विकसित होते हुए भूमिका का विश्लेषण करता है, साथ ही समाज में कामकाजी महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण और मानसिकता पर भी विचार करता है। इसके अतिरिक्त, यह पत्र शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान पर चर्चा करता है। अंत में, यह नीति-निर्माण और समाज की सोच में बदलाव की महत्ता पर जोर देता है ताकि लिंग समानता प्राप्त की जा सके और भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति को ऊंचा किया जा सके।

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Published

2025-05-22